देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनावों को लेकर बिगुल बज चुका है। जिसकी शुरुआत ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने आरक्षण की नियमावली तय कर के करदी है। जिसे लेकर शहरी विकास विभाग ने अधिसूचना जारी कर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर आरक्षण की स्थिति को लगभग साफ कर दिया है। हालांकि, अंतिम सूची जारी होने से पहले एक हफ्ते का समय आपत्ति के लिए तय किया गया है। वहीं आरक्षण पर तीखी पप्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है। विकासनगर से भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान का बयान सामने आया है उनका कहना है कि उनके क्षेत्र में हरबर्टपुर और विकासनगर ,नगर पालिका परिषद विकासनगर में अध्यक्ष के आरक्षण की जो अनंतिम सूची प्रकाशित हुई है, उसमें विकासनगर को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है. जिसे लेकर वो सहमत नहीं है।
पक्ष के साथ साथ विपक्ष की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने ओबीसी आरक्षण को निराधार बताया है। करण महारा ने कहा कि आरक्षण की प्रक्रिया पर हमारे प्रदत्त अधिकारों पर भाजपा ने बहुत बड़ा कुठाराघात किया है ऐसी नगर पालिका जिसमें 10000 से कम संख्या एससी की है उन्हें आरक्षण से बाहर कर दिया है यह मौलिक अधिकार का हनन है और एससी के प्रति भारतीय जनता पार्टी की सोच का यह परिचय है।
वहीं पक्ष और विपक्ष की तीखी प्रतिक्रियाओं के बीच भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान का बयान सामने आया है। भाजपा मीडिया प्रभारी का कहना है कि कांग्रेस हार से भयभीत है, इसलिए इस तरह के बयान उनके द्वारा दिए जा रहे है। उन्होंने आगे कहा कि जिस किसी को भी आरक्षण को लेकर आपत्ति है,उसके पास एक सफता का समय है,वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है चाहें उसमें हमारे विधायक हो या विपक्ष का कोई व्यक्ति हो।