देहरादून। भारी जनविरोध के बाद आखिरकार सरकार ने नेपाली फार्म पर टोल प्लाजा बनाने का फैसला वापस ले लिया है। शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रेस वार्ता में सरकार के इस फैसले की जानकारी दी।
गौरतलब है कि ऋषिकेश विधान सभा के तहत नेपाल फार्म में टोल प्लाजा बनाने के विरोध में स्थानीय लोग बीती 24 मई से धरना दे रहे है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नेपाली फार्म में टोल प्लाजा का नियम विरूद्ध निर्माण किया जा रहा है। धरने पर बैठी संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि दो टोल प्लाजा की बीच की न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर होती है। जबकि यहां से देहरादून की तरफ चंद फासले पर लच्छीवाला में टोल प्लाजा है। वहीं हरिद्वार की ओर बहादराबाद में टोल प्लाजा बनाया गया है। स्थानीय लोग का कहना था कि क्षेत्र में तीसरा टोल प्लाजा बनाए जाने से उन पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।
गौर करने वाली बात ये कि यहां पर टोल प्लाजा बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से ही एनओजी जारी की गई थी। वहीं क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल का इस मामले पर कहना था कि नेपाली फार्म में टोल प्लाजा के निर्माण को लेकर उन्हें भरोसे में नहीं लिया गया था। क्षेत्रीय जनता नेपाली फार्म में टोल प्लाजा के निर्माण को लेकर अपने विधायक से भी नाराज चल रही थी।
ऐन चुनाव से पहले क्षेत्रीय विधायक जनता की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते थे। लिहाजा उन्होंने पहल करते हुए इसको लेकर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और प्रदेश के मुखिया तीरथ सिंह रावत से बातचीत की। जिसके बाद नेपाली फार्म में टोल प्लाजा ना बनाने का फैसला लिया गया है।